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Showing posts from August, 2021

कृष्ण जन्म

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  कृष्ण का जन्म हो,  या किसी और का जन्म हो, जन्म की स्थिति में भेद नहीं है।  इसे थोड़ा समझना जरूरी है। लेकिन सदा से हम भेद देखते आए हैं।  वह कुछ प्रतीकों को न समझने के कारण। कृष्ण का जन्म होता है अंधेरी रात में,  अमावस में।  सभी का जन्म अंधेरी रात में होता है  और अमावस में होता है। जन्म तो अंधेरे में ही होता है। असल में जगत की  कोई भी चीज उजाले में नहीं जन्मती,  सब कुछ जन्म अंधेरे में ही होता है।  एक बीज भी फूटता है  तो जमीन के अंधेरे में जन्मता है।  फूल खिलते हैं प्रकाश में, जन्म अंधेरे में होता है। असल में  जन्म की प्रक्रिया इतनी रहस्यपूर्ण है  कि अंधेरे में ही हो सकती है। आपके भीतर भी जिन चीजों का जन्म होता है  वे सब गहरे अंधकार में जन्मती है।  बहुत "अनकांशस डार्कनेस' में पैदा होती है।  एक चित्र का जन्म होता है, तो मन की बहुत अतल गहराइयों में  जहां कोई रोशनी नहीं पहुंचती जगत की,  वहां होता है।  समाधि का जन्म होता है, ध्यान का जन्म होता है, तो सब गहन अंधकार में। गहन अंधकार से अर्थ है, जहां बुद्धि का प्रकाश जरा भी नहीं पहुंचता।  जहां सोच-समझ में कुछ भी नहीं आता,  हाथ को हाथ नह

राम रहस्यय

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 🏹🏹🏹 राम रहस्य 🏹🏹🏹 #कृष्ण कहते हैं, पवित्र करने वालों में मैं वायु हूं। और शस्त्रधारियों में #राम हूं। यह बहुत प्यारा प्रतीक है। राम के हाथ में शस्त्र बहुत कट्राडिक्टरी है। राम जैसे आदमी के हाथ में #शस्त्र होने नहीं चाहिए। राम का चित्र आप थोड़ा खयाल करें। राम के शरीर का थोड़ा खयाल करें। राम की आंखों का थोड़ा खयाल करें। राम के व्यक्तित्व का थोड़ा खयाल करें। शस्त्रों से कोई संबंध नहीं जुड़ता। राम, शस्त्रों के साथ, बड़ी उलटी बात मालूम पड़ती है। न तो राम के मन में #हिंसा है, न राम के मन में प्रतिस्पर्धा है, न राम के मन में ईर्ष्या है। न राम किसी को दुख पहुंचाना चाहते हैं, न किसी को पीड़ा देना चाहते हैं। फिर उनके हाथ में शस्त्र हैं। उनके हाथ में एक कमल का फूल होता, तो समझ में आता। उनके हाथ में शस्त्र, बिलकुल समझ में नहीं आते। जब भी मैं राम का चित्र देखता हूं और उनके कंधे में लटका हुआ धनुष देखता हूं और उनके कंधे पर बंधे हुए तीर देखता हूं तो राम के शरीर से उनका कोई भी संबंध नहीं मालूम पड़ता। राम का शरीर एक कवि का, एक काव्य का, एक काव्य की प्रतिमा मालूम होती है। राम की आंखें प्रेम की आंखें मालूम