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Showing posts from January, 2012
WRIGHT BROTHERS vs Pt.SHIVKAR BAPUJI TALPADE
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आज राइट बंधु को हवाई जहाज के आविष्कार के लिए श्रेय दिया जाता है क्योंकि उन्होंने 17 दिसम्बर 1903 हवाई जहाज उड़ाने का प्रदर्शन किया था। किन्तु बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि उससे लगभग 8 वर्ष पहले सन् 1895 में संस्कृत के प्रकाण्ड पण्डित शिवकर बापूजी तलपदे ने “मारुतसखा” या “मारुतशक्त ” नामक विमान का सफलतापूर्व क निर्माण कर लिया था, जो कि पूर्णतः वैदिक तकनीकी पर आधारित था। पुणे केसरी नामक समाचारपत्र के अनुसार श्री तलपदे ने सन् 1895 में एक दिन (दुर्भाग्य से से सही दिनांक की जानकारी नहीं है) बंबई वर्तमान (मुंबई) के चौपाटी समुद्रतट में उपस्थित कई जिज्ञासु व्यक्तियों ( जिनमें अनेक भारतीय न्यायविद्/ राष्ट्रवादी सर्वसाधारण जन के साथ ही महादेव गोविंद रानाडे और बड़ौदा के महाराज सायाजी राव गायकवाड़ जैसे विशिष्टजन सम्मिलित थे ) के समक्ष अपने द्वारा निर्मित “चालकविहीन ” विमान “मारुतशक्त ि” के उड़ान का प्रदर्शन किया था। वहाँ उपस्थित समस्त जन यह देखकर आश्चर्यचकि त रह गए कि टेक ऑफ करने के बाद “मारुतशक्त ि” आकाश में लगभग 1500 फुट की ऊँचाई पर चक्कर लगाने लगा था। कुछ देर आकाश में चक्कर लगाने के क
कब तक शर्म करते रहेंगे अपने भारतीय होने पर?
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७५२ ई० तक इंग्लैण्ड में मार्च ही पहला महीना हुआ करता था और उसी गणित से ७वाँ महीना सितम्बर और दसवाँ महीना दिसम्बर था लेकिन १७५२ के बाद जब शुरुआती महीना जनवरी को बनाया गया तब से सारी व्यवस्था बिगडी़..तो अब समझे कि क्रिसमस को x-mas क्यों कहते हैं."x " जो रोमन लिपि में दस का संकेत है और "mas" यनि मास,यनि दसवाँ महीना..उस समय दिसम्बर दसवाँ महीना था जिस कारण इसका x-mas नाम पडा़..और मार्च पहला महीना इसलिए होता था क्योंकि भारतीय लोग इसी महीने में अपना नववर्ष मनाते थे और अभी भी मनाते हैं..तो सोचिए कि हमलोग बस" पूरे विश्व को अँधेरी गुफ़ा से निकालकर सूर्य की रश्मि में भिंगोने वाले,जो चारों पैरों पर घुड़कना सीख रहे थे उन्हें उँगली पकड़कर चलना सीखाने वाले हम भारतीयों को आज अपने भारतीय होने पर शर्म महसूस होता है ,हीन भावना से ग्रसित होकर जीवन जी रहे हैं हमसब.... तभी तो हम भारतीय अपना तर्कसंगत नया साल को छोड़कर अंग्रेजों का नया साल मनाते हैं जिसका कोई आधार ही नहीं है.,हम पूजा-पाठ,यज्य-हवन,दान-पुण्य कर घी के दिए को जलाकर अपना जन्म-दिवस बनाने की परम्परा को छोड़कर अंडे से ब
WORLD MAP -MAHABHARAT vs BRITISHERS
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अधिकांश लोग अंग्रेजों को भारत का नक्शा स्पष्ट करने और दुनिया का नक्शा बनाने के लिए महिमा मंडित करते हैं! वे यह भी कहते हैं कि हिंदू धर्म में पृथ्वी को चपटी बताया गया है! उनके लिए विकिपीडिया पर उल्लिखित जानकारी नीचे उपलब्ध है कि महाभारत में पृथ्वी के विषय में हमारे संतों के मत क्या थे! महाभारत में भारत के अतिरिक्त विश्व के कई अन्य भौगोलिक स्थानों का सन्दर्भ भी आता है जैसे चीन का गोबी मरुस्थल, मिस्र की नील नदी, लाल सागर तथा इसके अतिरिक्त महाभारत के भीष्म पर्व के जम्बूखण्ड-विनिर्माण पर्व में सम्पूर्ण पृथ्वी का मानचित्र भी बताया गया है, जो निम्नलिखित है-: “ सुदर्शनं प्रवक्ष्यामि द्वीपं तु कुरुनन्दन। परिमण्डलो महाराज द्वीपोऽसौ चक्रसंस्थितः॥ यथा हि पुरुषः पश्येदादर्शे मुखमात्मनः। एवं सुदर्शनद्वीपो दृश्यते चन्द्रमण्डले॥ द्विरंशे पिप्पलस्तत्र द्विरंशे च शशो महान्।” —वेद व्यास, भीष्म पर्व, महाभारत अर्थात: हे कुरुनन्दन ! सुदर्शन नामक यह द्वीप चक्र की भाँति गोलाकार स्थित है, जैसे पुरुष दर्पण में अपना मुख देखता है, उसी प्रकार यह द्वीप चन्द्रमण्डल में दिखायी देता है। इसके दो अ
Puzzles
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1. Which way is the bus below traveling? To the left or to the right? Can't make up your mind? Look carefully at the picture again. Still don't know? .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. .. Primary school children were shown this picture and asked the same question. 90% of them gave this answer: "The bus is travelling to the right.." When asked, "Why do you think the bus is travelling to the right?" They answered: "Because you can't see the door to get on the bus." - - - - - - How do you feel now??? 4 criminals are caught and are to be punished. The Judge allows them to be freed if they can solve a puzzle. If they do not, they will be hung. They agreed. The 4 criminals are lined up on some steps (shown in picture). They are all facing in the same direction. A wall separates the fourth man from the other three. So to summarize: Man 1 can see men 2 and 3. Man 2 can see man 3. Man 3 can see none of