कृष्ण जन्म
कृष्ण का जन्म हो, या किसी और का जन्म हो, जन्म की स्थिति में भेद नहीं है। इसे थोड़ा समझना जरूरी है। लेकिन सदा से हम भेद देखते आए हैं। वह कुछ प्रतीकों को न समझने के कारण। कृष्ण का जन्म होता है अंधेरी रात में, अमावस में। सभी का जन्म अंधेरी रात में होता है और अमावस में होता है। जन्म तो अंधेरे में ही होता है। असल में जगत की कोई भी चीज उजाले में नहीं जन्मती, सब कुछ जन्म अंधेरे में ही होता है। एक बीज भी फूटता है तो जमीन के अंधेरे में जन्मता है। फूल खिलते हैं प्रकाश में, जन्म अंधेरे में होता है। असल में जन्म की प्रक्रिया इतनी रहस्यपूर्ण है कि अंधेरे में ही हो सकती है। आपके भीतर भी जिन चीजों का जन्म होता है वे सब गहरे अंधकार में जन्मती है। बहुत "अनकांशस डार्कनेस' में पैदा होती है। एक चित्र का जन्म होता है, तो मन की बहुत अतल गहराइयों में जहां कोई रोशनी नहीं पहुंचती जगत की, वहां होता है। समाधि का जन्म होता है, ध्यान का जन्म होता है, तो सब गहन अंधकार में। गहन अंधकार से अर्थ है, जह...